हनुमान जी के प्रमुख मंत्र और उनका महत्व
हनुमान जी का मूल मंत्र:
यह मंत्र हनुमान जी की कृपा और शक्ति प्राप्त करने के लिए सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है।
मूल मंत्र:
ॐ हं हनुमते नमः
महत्व:
इस मंत्र का जाप करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और मन के सभी डर समाप्त हो जाते हैं।
संकटमोचन हनुमान मंत्र:
यह मंत्र जीवन में आने वाले सभी संकटों और बाधाओं को दूर करता है।
मंत्र:
संकट कटै मिटै सब पीरा,
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
महत्व:
इस मंत्र का जाप मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से करने से सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
हनुमान चालीसा:
हनुमान चालीसा के 40 दोहे हनुमान जी की महिमा का वर्णन करते हैं।
प्रमुख पंक्तियां:
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
महावीर जब नाम सुनावे।
महत्व:
हनुमान चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन को शांति मिलती है।
बजरंग बाण:
पंक्तियां:
जय हनुमान उच्चावो ललकार,
संकट से निवारो रक्षा भार।
महत्व:
बजरंग बाण का पाठ करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है और जीवन में आने वाले बड़े से बड़े संकट भी दूर हो जाते हैं।
हनुमान जी का ध्यान मंत्र:
मनोजवं मारुततुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं,
श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।
महत्व:
यह मंत्र हनुमान जी की कृपा पाने और अपने भीतर ऊर्जा व साहस जगाने के लिए अद्भुत है।
निष्कर्ष:
मंत्र, भक्ति और आराधना के माध्यम से हनुमान जी की कृपा प्राप्त करना सरल है। जीवन में कठिनाइयों से घबराने की बजाय हनुमान जी का स्मरण करें। उनकी शक्ति और भक्ति का अनुसरण करते हुए जीवन में सकारात्मकता और सफलता प्राप्त करें।
हनुमान जी: शक्ति, भक्ति और पराक्रम के प्रतीक
हनुमान जी की कृपा पाने के लिए नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें।
मूल मंत्र
ॐ हं हनुमते नमः
संकटमोचन मंत्र
संकट कटै मिटै सब पीरा,
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
हनुमान चालीसा
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
महावीर जब नाम सुनावे।
बजरंग बाण
जय हनुमान उच्चावो ललकार,
संकट से निवारो रक्षा भार।
ध्यान मंत्र
मनोजवं मारुततुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं,
श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।
इन मंत्रों का श्रद्धा और भक्ति के साथ जाप करें। हनुमान जी आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।
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