श्री राम पाठ
श्री राम का पाठ भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प है। यह पाठ जीवन को सुख, शांति और धर्ममय बनाता है।
श्री राम पाठ
॥ दोहा ॥
श्रीराम जय राम जय जय राम।
श्रीराम जय राम जय जय राम॥
॥ चौपाई ॥
श्रीराम चन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भव भय दारुणम्।
नव कंज लोचन कंज मुख, कर कंज पद कंजारुणम्॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि, नवनील-नीरद सुन्दरम्।
पट पीत मानहु तड़ित रुचि, शुचि नोमि जनक सुतावरम्॥
दीनदयाल विरद सम्भारी, हरहु नाथ मम संकट भारी।
आरति हरि रघुनाथ कृपाला, राम दीन बन्धु सुखदाताला॥
जाके चरण सरोज बिधि, हरिहर विष्णु सदा सेवहि।
मनु जाहि राचेउ मिलिहि सो वर सहज सुन्दर साज।
कहि तुलसी भजु राम को, भव भय हरन काज॥
श्री राम पाठ की विधि
सुबह स्नान करके भगवान श्री राम की मूर्ति के सामने बैठें।
एक दीपक जलाएं और शांत मन से पाठ आरंभ करें।
श्री राम नाम का जप करते हुए ध्यान केंद्रित करें।
पाठ के अंत में भगवान श्रीराम की आरती करें।
पाठ के लाभ:
यह पाठ मन को शांति, संतोष, और साहस प्रदान करता है।
जीवन के संकटों और कष्टों का नाश होता है।
भक्त को धर्म, भक्ति, और मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है।
जय श्री राम! 🚩
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