श्री हनुमान वडवानल स्तोत्रम्
हनुमान वडवानल स्तोत्रम् एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है। यह स्तोत्र विशेष रूप से संकटों को दूर करने, भय से मुक्ति पाने और आत्मबल को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसका पाठ भक्तों के जीवन में शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
श्री हनुमान वडवानल स्तोत्रम्
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय
प्रकट प्रचंडाय चंडकाय अंजनी गर्भ सम्भूताय।
प्रकट बल वीर्याय रामेश्वराय मंगलमूर्ति स्वरूपाय।
सर्वदुष्ट ग्रह निकंदनाय सर्वदुःख हराय सर्व संकट मोचनाय।
प्रभु चरण कमलयुग प्रीयाय, पवन तनयाय महाबलाय।
सूर्य कोटि समप्रभाय, रामदूताय स्वाहा॥
फलश्रुति:
इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से जीवन के समस्त संकट दूर होते हैं।
यह स्तोत्र विशेष रूप से शत्रु बाधा, रोग, और भूत-प्रेत से रक्षा करता है।
इसका पाठ भक्त को मानसिक शांति और साहस प्रदान करता है।
पाठ विधि:
मंगलवार या शनिवार के दिन प्रारंभ करें।
हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर, उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
पूरे मन से इस स्तोत्र का पाठ करें।
पाठ के बाद हनुमान चालीसा और आरती करें।
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