google-site-verification: google036016a5721f632d.html श्री हनुमान जी का महत्व , हनुमान जी की पूजा-अर्चना, प्रमुख मंत्र:

श्री हनुमान जी का महत्व , हनुमान जी की पूजा-अर्चना, प्रमुख मंत्र:

श्री हनुमान जी भारतीय संस्कृति और धर्म में अद्वितीय स्थान रखते हैं। वे शक्ति, भक्ति और ज्ञान के प्रतीक हैं। हनुमान जी को पवनपुत्र, अंजनेय, मारुति, बजरंगबली और संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है। वे भगवान राम के परम भक्त और रामायण के मुख्य पात्रों में से एक हैं।

श्री हनुमान जी का महत्व:

  1. अद्भुत शक्ति और पराक्रम:
    हनुमान जी के बल और पराक्रम की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं, जैसे समुद्र को लांघना, अशोक वाटिका में लंका दहन, और संजीवनी बूटी लेकर आना।

  2. भक्ति और समर्पण:
    हनुमान जी भगवान राम के प्रति अनन्य भक्ति के प्रतीक हैं। उनकी निस्वार्थ भक्ति से प्रेरित होकर हर भक्त उनसे सीख सकता है।

  3. ज्ञान और विवेक:
    हनुमान जी को एक विद्वान भी माना जाता है। उन्हें वेद और शास्त्रों का गहरा ज्ञान था। उनकी बुद्धिमत्ता ने कई संकटों का समाधान किया।

  4. संकटमोचन:
    हनुमान जी को भक्तों के संकट दूर करने वाला देवता माना जाता है। उनके नाम का स्मरण करने से भय, दुख और नकारात्मकता दूर होती है।

  5. ब्रह्मचर्य के प्रतीक:
    हनुमान जी ने अपने जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन किया और अपनी सारी ऊर्जा भगवान राम की सेवा में समर्पित कर दी।



हनुमान जी की पूजा-अर्चना:

  1. हनुमान चालीसा:
    तुलसीदास जी द्वारा रचित यह स्तुति हनुमान जी की महिमा का वर्णन करती है। इसे पढ़ने से मन को शांति और शक्ति मिलती है।

  2. हनुमान जयंती:
    हनुमान जी का जन्मोत्सव भक्तों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन उनके विशेष मंत्र और भजन गाए जाते हैं।

  3. मंगलवार और शनिवार:
    हनुमान जी की पूजा के लिए ये दिन विशेष माने जाते हैं। इन दिनों व्रत रखने और मंदिर में जाकर हनुमान जी की आराधना करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

प्रमुख मंत्र:

  • हनुमान मंत्र:
    “ॐ हनुमते नमः”
    यह मंत्र भय और बाधाओं को दूर करने में सहायक है।

  • भजन और आरती:
    “जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।”

यदि आप हनुमान जी से जुड़ी कोई विशेष कथा, पूजा विधि या मंत्र के बारे में जानना चाहते हैं, तो कृपया पूछें! 🙏

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ