google-site-verification: google036016a5721f632d.html श्री गणेश जी की पूजा के विशेष नियम पूजा विधि , “ॐ गण गणपतये नमः”

श्री गणेश जी की पूजा के विशेष नियम पूजा विधि , “ॐ गण गणपतये नमः”


श्री गणेश जी की पूजा विधि

श्री गणेश जी, जिन्हें विघ्नहर्ता और शुभ-लाभ के दाता कहा जाता है, हर शुभ कार्य की शुरुआत में सबसे पहले पूजे जाते हैं। उनकी पूजा सरल और अत्यंत फलदायी होती है।


पूजा की सामग्री:

  1. भगवान गणेश जी की मूर्ति या चित्र
  2. साफ और स्वच्छ वस्त्र (पूजा के लिए)
  3. लाल या पीला वस्त्र (गणेश जी को चढ़ाने के लिए)
  4. मोदक, लड्डू या गुड़
  5. फूल (लाल और पीले रंग के फूल)
  6. दूर्वा घास (गणेश जी को विशेष रूप से प्रिय)
  7. चंदन और रोली
  8. धूपबत्ती और दीपक
  9. नारियल
  10. कलश और पान के पत्ते
  11. श्री गणेश मंत्र या गणेश चालीसा की पुस्तक



पूजा विधि:

  1. स्नान और शुद्धि:
    सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल और मूर्ति को भी साफ करें।

  2. आसन की स्थापना:
    पूजा के लिए मूर्ति या तस्वीर को लाल कपड़े पर रखें। कलश में जल भरकर उसके ऊपर पान का पत्ता और नारियल रखें।

  3. गणेश जी का ध्यान:
    भगवान गणेश का ध्यान करें और अपनी पूजा शुरू करने से पहले उन्हें प्रणाम करें।

  4. संकल्प लें:
    पूजा के दौरान मन में एकाग्रता बनाए रखें और संकल्प लें कि आप विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा करेंगे।

  5. पूजा सामग्री अर्पण करें:

    • गणेश जी को चंदन और रोली लगाएं।
    • उन्हें दूर्वा घास चढ़ाएं (कम से कम 21 दूर्वा अर्पित करें)।
    • फूल और पान का पत्ता अर्पित करें।
    • गणेश जी को लड्डू, मोदक या गुड़ का भोग लगाएं।
  6. गणेश मंत्र जाप करें:
    “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
    या
    “वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥”

  7. गणेश चालीसा का पाठ करें:
    गणेश चालीसा या श्री गणेश स्तुति का पाठ करें। इससे शुभ फल प्राप्त होता है।

  8. दीपक जलाएं और आरती करें:
    “जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।”
    आरती के साथ पूजा समाप्त करें।

  9. प्रसाद वितरण:
    भोग को प्रसाद के रूप में सभी को बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें।



पूजा के विशेष नियम:

  • गणेश जी की पूजा के समय मन को शांत और निर्मल रखें।
  • दूर्वा घास का प्रयोग जरूर करें क्योंकि यह गणेश जी को अत्यंत प्रिय है।
  • गणेश जी की पूजा किसी भी दिन की जा सकती है, लेकिन बुधवार और चतुर्थी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
  • उनकी मूर्ति या तस्वीर को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना लाभकारी होता है।

श्री गणेश जी की कृपा से आपके सभी कार्य निर्विघ्न पूरे हों।
ॐ गणेशाय नमः। 🙏✨

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ